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आम इंशान के जान की कोई कीमत नहीं

आम इंशान के जान की कोई कीमत नहीं 

अब सिपाही अपने साथी सिपाही की मदद करने के लिए चंदा मांग रहे और कसम नेता और किसी बड़े अधिकारी की रक्छा न करने की खा रहे । तो पहले चीज ऐसे कसम खाने वाले को नोकरी जॉइन करने से पहले जो कसम खायी थी उसे याद दिलाना चाहिए। और ज्यादा भावुक हो रहे है एक निर्दोष की हत्या करने पर अपने साथी सिपाही के लिए तो नोकरी से भी निकाल देना चाहिए ।ये जानते है कि ऐसे लोगो को टारगेट करके कसम खाओ बहुत जल्दी सुनवायी होगी और पब्लिक का क्या है । किसी को भी मार दो क्या करना । आज विवेक की जान ली है ।कल किसी और कि लेंगे और अगर अभी भी पब्लिक जगरूप नही हुई तो ध्यान रहे कल कोई ऐसे ही सिपाही किसी और कि जान लेगा। हम सभी विवेक को तो नही ला सकते है लेकिन उसके हतियारे को सजा तो दिलवा ही सकते है । कम से कम इन्हें पता तो चल जाये के पब्लिक ही तुम्हारे नेता को चुनती है और तुम्हारा काम है रक्छा करना ना कि किसी भी निर्दोष की ह्त्या करना ।

Comments

  1. Sahi kaha Bhai , mere hisab s us sipahi ko v dauda dauda k goli mar dena chahiye

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